NHM कर्मचारियों का विरोध: हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा असर
NHM कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 2 घंटे की हड़ताल की। अस्पताल में आपातकाल के अलावा सभी सेवाएँ बंद रहीं। जानें क्या हैं कर्मचारियों की मांगें और आगे की रणनीति।
Haryana NHM Employee strike: आज, 24 जुलाई 2024 को हरियाणा में एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर दो घंटे की हड़ताल शुरू की। कर्मचारी सुबह से ही नागरिक अस्पताल में एकत्रित हो गए। वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इस हड़ताल के चलते अस्पताल में आपातकाल के अलावा सभी सेवाएँ बंद रहीं। एम्बुलेंस सेवा, लेबर रूम, मनोचिकित्सक विभाग, और टीकाकरण का काम पूरी तरह प्रभावित हुआ।
Main Points
सांकेतिक हड़ताल की घोषणा
एनएचएम कर्मचारी संघ और स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने पहले 24 जुलाई को तीन दिन की सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की थी। लेकिन अब संघ ने मिशन निदेशक, एनएचएम के साथ बातचीत के बाद हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया है। 25 जुलाई को यूनियन प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया गया है। इस वजह से 24 जुलाई की हड़ताल को सिर्फ दो घंटे का पेन डाउन कर दिया गया है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन शर्मा का बयान
संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन शर्मा ने कहा कि यदि मिशन निदेशक के साथ हुई बातचीत में कर्मचारियों के हित में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो एनएचएम कर्मचारी 26 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 26 वर्षों से एनएचएम कर्मचारियों की अनदेखी हो रही है। मुख्यमंत्री की सैद्धांतिक मंजूरी के बावजूद सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल रहा है।
वेतन और सैलरी का मुद्दा
विपिन शर्मा ने आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा जानबूझकर कर्मचारियों का दो महीने से सैलरी का बजट रखा गया है। जब कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सरकार के पास जाते हैं, तो वेतन को एकमुश्त करने का आदेश जारी कर दिया जाता है। इससे कर्मचारियों में भारी रोष है और उनका धैर्य जवाब दे रहा है। अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे।
एनएचएम कर्मचारियों की मांगें
एनएचएम कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में सातवें वेतन आयोग का लाभ शामिल है। इसके अलावा, वे अपनी सैलरी समय पर मिलने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी संघ का कहना है कि उन्हें लगातार अनदेखा किया जा रहा है। उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है। इस वजह से उनका धैर्य अब जवाब दे रहा है। यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे।
भविष्य की रणनीति
मिशन निदेशक, एनएचएम के साथ होने वाली बातचीत के परिणामस्वरूप कर्मचारी अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे। अगर उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया, तो वे 26 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। विपिन शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों के हित में ठोस निर्णय लिए जाने चाहिए। अन्यथा, कर्मचारियों का रोष बढ़ता जाएगा और वे कठोर कदम उठाने पर मजबूर होंगे।